Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 143
वीडियो : सुहागरात की कहानी ......
वीडियो :: यक्षिणी का प्रकोप.......
अब शाम होने को आई थी , राजेश और शीला ने अब वापस घर आने का मन बना लिया ।
राजेश और शीला वापस घर आने लगे रास्ते भर दोनों ने हंसी खुशी प्यार से बातें करते हुए चले आ रहे थे।
शीला ने राजेश से कहा " अच्छा सुनो बच्चों के लिए कुछ खाने के लिए लेते चलो नहीं तो फालतू में 50 सवाल पूछेंगे "
राजेश जी ने हसने लगे और बोले "सवाल पूछे जाने हैं जवाब पहले से ही सोच कर रख लो , रिया तो कुछ ज्यादा ही पूछेगी"
शीला और राजेश दोनों हंसने लगे।
राजेश ने एक जगह स्कूटर रोका और कुछ खाने पीने की चीजें पैक कराई और घर पहुंच गए।
रिया बालकनी में खड़ी इंतजार कर ही रही थी जैसे ही या नउसने अपने पापा का कटारा स्कूटर आते देखा उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई ।
वह तुरंत नीचे भागती हुई आई और पापा के हाथ से खाने वाला सामान लेते हुए बोली "अच्छा पापा तो कैसी रही आप की आज की ट्रिक "
राजेश ने शीला की ओर देखा और फिर कहा "हम तो तुम्हारी मां के साथ गए थे इनकी एक फ्रेंड के बेटे का बर्थडे था ।"
अब रिया ने रहस्यमई मुस्कान अपने चेहरे पर बिखेरी और अपनी मां की तरफ देखते हुए बोली" मां आप तो अपनी सहेली के बेटे की इंगेजमेंट में गई थी ना "
शीला मैं रिया को आंख निकालते हुए देखा और कहा "आजकल कुछ ज्यादा ही बातें नहीं करने लगी हो तुम अरे अपने पापा से क्या पूछना है क्या नहीं पूछना, पता नहीं है "
रिया ने कहा "सॉरी मम्मा ठीक है अंदर आजाए गेट बंद करके आती हूं।
शीला और राजेश आपस में कुछ बुदबुदाते हुए अंदर चले गए और रिया उन्हें पीछे से देखती ही रह गई, रिया को गुस्सा तो आया था क्योंकि मां ने उसे आते ही डांट दिया था, जबकि झूठ कौन बोल रहा था यह रिया को अच्छे से पता था
लेकिन अब रिया ने ज्यादा कुछ नहीं कहा, वह भी अंदर आई और अपने कमरे में चली गई ।
राजेश और शीला दोनों अंदर पहुंच गए थे अंदर जाकर राजेश जी ने सोफे पर बैठी अपनी मां के पैर छुए और उनकी कुछ दवाएं खत्म हो गई थी उन्हें देते हुए कहा " मां जी यह लो आप की दवा है "
मां ने मुस्कुराते हुए उनके हाथ से दवाइयों का पैकेट ले लिया और राजेश से कहा "बाहर से आए हो कुछ खाकर थोड़ी देर आराम कर लो"
राजेश जी ने कहा ठीक है मैं जाता हूं मां कार्तिक आ गया क्या दादी मां ने कहा "हां तो पहले ही आ गया था और वह भी आराम कर रहा है।"
राजेश जी कमरे में कौन से तो उन्होंने देखा शीला जी चेंज कर रही थी शीला का निर्वस्त्र बदन को देख कर राजेश जी के मन में लालच आ गया और वैसे भी पूरे दिन रोमांटिक मूड में तो थे ही ।उन्होंने जाकर पीछे से शीला को अपनी बाहों में भर लिया और बेइंतेहा चुम्बन करने लगे ।
शीला जी ने उन्हें रोका और कहा "सारे दिन से तो तुम मेरे साथ रोमांस कर रहे हो अभी तक तुम्हारा मन नहीं भरा है"
राजेश जी ने कहा " डार्लिंग मन कहां भरता है, अभी तो बहुत कुछ करने को मन करता है "
शीला जी ने कहा "अब तुम बुड्ढे होने वाले हो कल को तुम्हारे बेटे की शादी हो जाएगी उसके बाद बच्चे हो जाएंगे थोड़ी सी शर्म कर लो वैसे भी घर पर झूठ बोलकर तुम मुझे न जाने कहां-कहां घुमा कर लाए हो, देखा था बेटी ने कैसे हमारा झूठ पकड़ लिया था वो तो समझदार है इसलिए उसने कुछ ज्यादा कहा नहीं समझे"
राजेश जी ने अपनी पकड़ और भी मजबूत करते हुए कहा" देखो इस समय मेरी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा है मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे साथ अपने पलों को और भी हसीन बनाना चाहता हूं रही बात बूढ़ा होने की तो वह तो मैं तुम्हें अभी एहसास करा ही दूंगा कि बुड्ढा हूं या जवान।"
राजेश जी शीला जी के साथ रोमांटिक हरकतें करने लगे जिसकी वजह से शीला का भी मन मचलने लगा , शीला जी की आंखें बंद होती चली गई और अब विरोध नाम मात्र के लिए कर रही थी बाकी राजेश जी अपना काम करने में व्यस्त हो गए राजेश जी उनकी गर्दन पर लगातार किस किए जा रहे थे।
आज राजेश जी को बड़ा अच्छा मौका मिल गया था क्योंकि दिन भर तो वो रोमांटिक मूड में थे ही और घर आते ही उन्हें एकांत कमरे में शीला जी चेंज करते हुए मिल गई इसकी वजह से उनका मूड बन ही गया।
काफी शाम हो गई थी राजेश जी और शीला जी अभी भी कमरे में बंद थे ,कार्तिक भी अपने कमरे से बाहर आ गया था आज कार्तिक अपने हैं पापा से बिल्कुल भी बात नहीं कर पाया था क्योंकि सुबह होते ही वो चला गया था और जब वह वापस आया तब तक घर पर राजेश जी नहीं थे।
उसने सबसे पहले दादी मां से पूछा " अभी तक पापा नहीं आए क्या"
दादी मां ने बताया कि आ गए है, अपने कमरे में आराम कर रहे होंगे।
कार्तिक घड़ी की ओर देखा और कहा " शाम के 7:30 बजने को हैं यह कौन सा आराम करने का टाइम है ,इस टाइम तो घर में टी टाइम होना चाहिए , चाय पर बैठकर गपशप होनी चाहिए । वह है कि अभी भी आराम कर रहे हैं "
सोफे पर बैठी रिया गेम खेल रही थी उसने कहा "जो लोग सारे दिन बाहर गए हो , आते-आते थक ही जाते हैं इसलिए आराम कर रहे हैं, अब तुम्हारी तरह जवान तो है नहीं , घूम कर भी आ जाएं और फिर चाय पर चर्चा करने के लिए भी तैयार हो जाए।
अब कार्तिक ने रिया की ओर देखा और कहा " बहन तू तो बोला ही मत कर जब भी बोलती है ऐसा बोलती है कि सामने वाले को बुरा ना लगे तो ही बुरा लग जाए तू अपने गेम खेलने नहीं मस्त रहा कर"
रिया ने टोंट मारते हुए कहा "मेरे पास है ही क्या गेम ही तो खेल सकती हू, तुम्हारी तरह संडे वाले दिन office तो नहीं जा सकती ना"
कार्तिक अब रिया को घूरने लगा , कुछ कह पाता उससे पहले ही दादी मां ने दोनों को डांटते हुए कहा "क्या तुम भी जब भी पास बैठते हो सिर्फ झगड़ा ही करते हो कभी प्यार से भी बात कर लिया करो"
अब कार्तिक ने भी अपना फोन निकाल लिया और अपने फोन में किसी से मैसेज में बात करने लगा।
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