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Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 185

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 185

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कार्तिक अभी शादी की टेंशन में फसा हुआ था , उसे ऑफिस से छुट्टियों की टेंशन थी , इधर नीलू को अलग ही प्रकार की टेंशन हो रही थी , अब शादी में केबल 18 दिन बचे हुए थे , उसे शादी को लेकर कोई टेंशन नहीं थी बल्कि उसे तो शादी के बाद बाली टेंशन खाये जा रही थी , अगर ऐसा हुआ तो मेरा क्या होगा | उसका मन मचल सा रहा था इसलिए उसने आज कान्हा जी के मंदिर जाने का फैसला किया ... सोच रही थी मंदिर जैसे जगह पर उसके मन को शांति मिलेगी ...


रजनी जी भी नोटिस कर रही थी की नीलू दो दिनों से काफी बेचैन और बिचलित लग रही है , न ही किसी से जयदा बाते कर रही है और न ही पहले की तरह खुश है , क्या शादी की टेंशन की बजह से परेशान है या फिर कोई और बात है ? 

नीलू तैयार हो कर मनिदर जाने के लिए निकल रही थी , तभी उसकी माँ ने पूछा " कहाँ जा रही हो नीलू "

माँ मैं मंदिर जा रही हूँ | क्यों क्या हुआ अचानक से मंदिर ? कोई प्रॉब्लम है क्या , मन नहीं लग रहा है क्या ??


"नहीं माँ बस आज सोमबार है इसलिए , जा रही हूँ , कभी कभी तो जाना चाहिए न ? " नीलू ने अपनी माँ से कहा | रजनी जी चुप रह गयी और नीलू को मंदिर जाने दिया |


नीलू मंदिर गयी , और आरती प्रसाद लेने के बाद मंदिर के अंदर ही साइड मैं बैठ गयी थी , और हर आते जाते शिव भक्त को देखती रही और काफी देर बैठे रहने के बाद जब नीलू को लगा की उसे बापस चलना चाहिए तो वो जैसे ही बाहर जाने लगी तो उसकी नजर एक नए शादी शुदा जोड़े पर पड़ी , वे दोनों काफी खुश दिखाई दे रहे थे , वे शादी के बाद शायद पहली बार शिव मंदिर आये थे . उन्हें देख कर नीलू थोड़ी देर के लिए रुक गयी और उन्हें देखने लग गयी |


और अपने मन अपनी शादी की इमेजिन करनी लगी ,,, वो सोचने लगी कुछ ही दिन बाद मुझे इन सलबार सूट कर इस टी शर्ट्स से छुटकारा लेना होगा और फिर ये भरी भरकम सज सज्जा से सजी धजी साडिया और ये नौ लखा मोतियों से सजे हुए लहगे ही पहनने पड़ेगे , कितना हेडक  बाला पहनावा होता है ये ... लेकिन क्या करे शादी की रश्मे और तौर तरीके पूरे करने के लिए तो पहनने ही पड़ेगे ... 

 

जब वो नया शादी शुदा जोड़ा पूजा करने के बाद मंदिर से चला गया उसके बाद नीलू न जाने क्या क्या सोचते सोचते वहां से चली आयी और सीधा अपने कमरे में जा कर घुस गयी |

नीलू की माँ उसके पीछे पीछे उसके कमरे आ गयी और नीलू से चिंता व्यक्त करते हुए पूछा " नीलू सब ठीक तो है न ,,, तुम कुछ दिनों से बहुत उखड़ी उखड़ी लग रही हो , शादी को केबल 18 ही दिन बचे है ,बेटा तू इस शादी से खुश तो है न , अगर कोई दिक्कत बाली बात है तो मुझे बता दे अभी , मैं तेरे पापा से बात कर लूंगी "


चिंतित और परेशान माँ से एक साथ इतने सवाल सुन कर नीलू को आश्चर्य और उनकंफर्टेबल सा लगा " माँ ऐसी कोई बात नहीं है , बस थोड़ा सा अजीब सा लग रहा है , अभी मैं बैचलर हूँ , अचानक से मैं मैरिड हो जाऊगी , जिंदगी कैसे एक दम बदल जाएगी , ये सब सोच कर मन बैचेन सा हो रहा है |"


बेटा ये सब होना स्वाभाविक है , मैं ये सब के बारे में समझती हूँ , मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था , लेकिन अगर इस सब के अलावा तेरे मन में कोई डाउट हो शादी और लड़के को लेकर तो मुझे अभी बता दे ,,, हम सब मिल कर उस समस्या का समाधान कर लेंगे ||


नीलू ने कुछ नहीं कहा और शांत बैठी रही .... देख बेटा ऐसे कब तक तू शांत बैठी रहेगी ... अगर कोई बात है तो बता दे न ||


माँ मैं बोल तो रही हूँ , कोई बात नहीं है .. बस ... मुझे कुछ अच्छा सा फील नहीं हो रहा इसलिए ,,, आप टेंशन न करो सब सही हो रहा है |


देख नीलू तू बता नहीं रही है ,, मैं तेरे पापा से बात करुँगी इस बारे ... मुझे बहुत टेंशन हो रही है , अगर मेरी बेटी ही खुस नहीं है तो क्या फायदा ऐसे रिश्ते का ??


नीलू मन में सोचने लगी माँ जरूर बड़ा ड्रामा खड़ा न कर देगी तब तक नहीं मानेगी , खामखा पापा को भी परेशान करेगी ...

माँ आप क्यों इतना ज्यादा सोच रही हो , और किसने कहा मैं खुश नहीं हूँ , मैं खुश हूँ माँ आप न ... पापा से प्लीज ऐसी कोई बात मत करना बेकार में पापा को टेंशन हो जाएगी ??


तो फिर तू दो तीन दिन से ऐसे अनमनी सी क्यों रह रही है , इसका भी तो कोई न कोई कारण होगा ही न ??

नीलू ने अपना माथा पकड़ लिया कर सोचने लगी कुछ न कुछ तो माँ को बताना पड़ेगा नहीं तो माँ ऐसे ही खुद पर सितम करती रहेगी ||


नीलू ने कहा " माँ आप भी न जाने क्यों इतना .... मुझे पीरियड्स आ रहे है इसलिए मेरा दिल मचल रहा है , जी ठीक नहीं है इसलिए ... बिलकुल खुल कर न बता दो तब तक आपको चैन कहाँ आता है, माँ अब आपके बच्चे बड़े हो गए है थोड़ा सा को सिन्स यूज किया करो "


ना हमे तो कभी पीरियड्स आये ही नहीं है , तुम बच्चे तो हमने ऐसे ही पैदा कर दिया है ?? ....

नीलू अब माँ को हैरानी से देखती ही रह गयी उसका मुँह फटा का फटा ही रह गया ... माँ आप क्या कहे जारही हो ??


हाँ सही तो कह रही हूँ , इतनी सी बात थी तो बताने में कोई हर्ज है क्या .. आज कल के बच्चे तो पढ़े लिखे होते है इन सब की नॉलेज शेयर करने में शर्म करते है क्या ?? और हाँ मुझे पता है पीरियड्स तो तुम्हारी प्रॉब्लम नहीं है ,,, मुझे पता है ... जब तुम्हे पीरियड्स होते है तुम घर के मंदिर तक नहीं जाती हो , बाहर के मंदिर कैसे जा सकती हो ??


नीलू का झूठ पकड़ा गया था .... क्युकी वो अपने अंदर क्या चल रहा है अपनी माँ को नहीं बताना चाहती थी लेकिन माँ ने उसे झूठ बोलते हुए पकड़ लिया है ....


नीलू बोली " माँ अब हम आपको क्या ही बताये आप रहने दो .. हम कुछ परेशान बरेशान नहीं है .. तुम बेकार में ही टेंशन बढ़ा रही हो अपनी और हमारी | "


कार्तिक से तो झगड़ा नहीं हुआ है तुम्हारा ... अगर ये बात है तो पहले ही बता दी होती इतना झूठ क्यों बोलना पड़ता तुम्हे .. एक बात तो हम देख रहे है पिछले कुछ दिनों से तुम झूठ बहुत बोलने लग गयी हो ? बार बार झूठ पकड़े जा रहे है तुम्हारे |


माँ हम झूठ नहीं बोल रहे है , अब आप कुछ ज्यादा ही प्रेसर बना रहे हो तो क्या ही बताये आपको .. समझ नहीं आ रहा है ... ठीक है मत ही बताओ .. फिर न कहना कुछ भी हमसे ... माँ है तो फिक्र तो हो ही जाती है ..


कहती हुई रजनी नीलू के कमरे से बाहर आ गयी ... नीलू को अब एक और टेंशन हो गयी की माँ न जाने क्या क्या अपने मन में मनगढ़ंत कहानिया बनती रहती है ,,, कही पापा को न कुछ ऐसा बैसा पाठ पढ़ा दे ... पापा को मैं क्या ही बोलूगी फिर ??


नीलू ये सब सोच ही रही थी की ... उसके कमरे के दरवाजे पर किसी ने नोक किया ???

दरबाजा तो खुला ही है आजाओ अंदर कौन है ... बाहर से मुस्कराते हुए नीलू के पापा अंदर आ गए ...


नीलू समझ गयी थी की ये सब करामात मम्मी जी की ही है जो पापा को आज हमारे कमरे में आना पड़ा है ... 

आजाओ मम्मी जी आप क्यों क्यों दरवाजे के पीछे छुपी खड़ी हो ... हमे पता था की आप ये सब जरूर ही करोगी ...


रजनी जी भी अंदर आ गयी .. उनके पीछे प्रिया और उसके पीछे शिवानी सब कमरे के अंदर आ गए थे ... 

और सब चुप चाप खड़े नीलू की ओर ही देख रहे थे ... नीलू को हैरानी हो रही थी .. आखिर मुझे ही क्यों ???






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