Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 186

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 186

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क्या हुआ पापा जी , आप सब लोग मुझे ऐसे क्यों देख रहे है ,,, मुझे भी तो बताओ कुछ , 

ओमकार जी बड़े ही भावुक स्वर में बोले " बेटा तुम्हे क्या हुआ है तुम न तो कमरे से बाहर निकल रही हो न ही किसी से बात कर रही हो , तुम्हारी माँ तो बहुत चिंतित है , हम सब को बताया तो सब को लगा की बास्तब में कोई बात है "

नीलू ने गुस्से से माँ की ओर देखते हुए मुँह नीला पीला किया और फिर बोली " माँ जी , मैंने आपको बतया तो था की कोई बात नहीं है बस हम ऐसे ही थोड़ा ... "

"क्या थोड़ा , बताओ तो सही , हम सब है न तुम्हारी हेल्प करने को " ओमकार जी ने बड़े ही प्यार से नीलू के सर पर हाथ फेरते हुए बोले 

नीलू " पापा जी ऐसी कोई बात नहीं है , बस हम थोड़ा नर्बस हो रहे थे , अब आप तो समझदार है पापा शादी की थोड़ी बहुत तो नर्बलनेस तो हो ही जाती है "


" हाँ वो सब तो ठीक है तुम्हे कार्तिक और उसके घर बाले पसंद तो है न , कोई दिक्कत तो नहीं है " नीलू के पापा ने पूछा 

नीलू  बहुत देर शांत रहने के बाद बोली " पापा आपको पसंद है न तो मुझे भी पसंद है "

ओमकार जी कहा "हमारे पसंद और तुम्हारे पसंद में अंतर हैम , हमारा पसंद होना जरुरी नहीं लेकिन तुम्हरा मैटर करता है"

"पापा आप अपनी तैयारियों में ध्यान लगाओ माँ तो बस छोटी सी बात का पहाड़ खड़ा कर देती है न जाने क्या हुआ है इन्हे तो " 


नीलू जो झुंझलाते और गुस्सा करते देख उसके परिबार बाले वहां से जाने लगे , उन्हें लग रहा था की नीलू परेशान तो है लेकिन अभी गुस्से में तिलमिला रही है इसलिए कुछ बताएगी भी नहीं इससे बाद में ठन्डे दिमाग से बात करेंगे ये सोच कर घर के लोग कमरे से चले गए }


हे भगवान मेरे बापू और आई को क्या हुआ है न जाने किस बात का ड्रामा बनाये घूम रहे है  , अब इन्हे बताऊ भी तो कैसे की मेरी प्रॉब्लम क्या है , मेरी तो मैं प्रॉब्लम है लेकिन उनके सामने रिवील करू तो कैसे करू अगर कुछ बताया भी तो कहेगे शादी से पहले ही तुमने तो ट्राई कर लिया , चैरेक्टर पर सवाल खड़े करेंगे 


हे भोले नाथ आप ही कुछ उपाय निकालिये , आप तो कृपा नाथ है दीना नाथ है , और मेरे घर बालो को प्लीज इस गलतफहमी से दूर  कर दीजिये ||


"सुनो .............. आज चलते है सुनार के पास बहू के गहने पसंद करके आते है . फिर अब दिन भी कहाँ बचे है खरीदारी करने में टाइम लगेगा और अभी डिजाइन पसंद नहीं आयी तो मैं अपनी बहू की पसंद के गहने बनाने के लिए आर्डर तब भी कर दूंगी " शीला जी ने राजेश जी से शरमाते हुए कहा 


"अरे वाह बहू घर तक आयी नहीं है और तुम हो की प्यार अभी से लुटाने लग रही हो " राजेश जी ने खिलखिलाते हुए कहा 


" हाँ जी क्यों न करू प्यार आखिर एक ही तो बहू आएगी मेरी , कोनसे चार पाँच बच्चे है मेरे , आप चलोगे या नहीं ये बताओ , पता है मेरी फ्रेंड की बहू पर बहुत सारा गहना है मैं उससे ज्यादा बनबाउगी ताकि वो अपना मुँह बंद रख सके "

 

राजेश जी ने कहा " उनसे ज्यादा बनाने के लिए उनसे पैसा भी ज्यादा चाहिए , उसका भी तो ध्यान रखना पड़ेगा बाकि और भी तो जरूरते पूरे करनी होगी "

वो मैं नहीं जानती , वो तो आप जानोगे मुझे तो मेरी शौके पूरी करनी है , आप तैयार हो जाओ मैं अभी आई ||


राजेश जी कुछ बड़बड़ाते रह गए ... ये भी न बड़ा मोटा खर्चा करा के ही मानेगी ... लगता है दूसरे खर्चो में कटौती करनी पड़ेगी ... ||


आज शाम को कार्तिक को आने दो उससे बात करनी पड़ेगी , उसके पास कितनी सेविंग है , उसी हिसाब से बजट बनाना पड़ेगा ||


मुझे तो टेंशन होती जा रही है , अब केबल 18 ही दिन बचे है , हमारे बेटे की शादी होने को है और हमारी अभी तक कोई भी तैयारी नहीं है ||


कार्तिक की ऑफिस में लंच टाइम चल रहा था , कार्तिक और नायरा लंच कर ही रहे थे की जीवन अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान लिए वहां आ गया ,,, और बोला " तो लंच हो रहा है आपका "

कार्तिक ने देखा तो बोला " हाँ जीवन जी , आइये आप भी खा लीजिये , लंच टाइम तो चल ही रहा है "

जीवन ने नायरा की ओर देखा और बोला " हाँ खाना तो हम जरूर खायेगे लेकिन लंच में नहीं डिनर में आपके साथ " 

नायरा ने लम्बी साँस ली और अपने खाने पर ध्यान देना ही सही समझा उसने जीवन की ओर देखा भी नहीं ... अब जीवन ने कहा " खा नहीं सकता तो क्या बैठ तो सकता हूँ तुम्हारे साथ "


जीवन उनके पास पड़ी चेयर खींच कर उनके पास बैठ गया ... और टेबल पर अपने हाथ रख कर उसे थपथपाते हुए कुछ गुनगुनाने लगा ... और फिर बोला " कार्तिक जी अपने कल वाली वीडियो तो देखी ही होंगी "


कार्तिक निबला चवा रहा था , चबाते चबाते कार्तिक रुक गया ... और जीवन की ओर देखने लगा " क्या कहना चाहते हो सर आप "

जीवन कुछ देर तक हसता ही रहा और फिर बोला " मैं चाहता हूँ की तुम हमारे रस्ते से हट जाओ , और अपनी जिगरी यार को कहो की वो मेरी बात मान जाये , नहीं तो ..."


कार्तिक " नहीं तो क्या .... क्या करोगे ...?"

जीवन " नहीं तो ये वीडियो इंटरनेट पर सार्बजनिक कर दी जाएगी ,, जिससे तुम्हारे घर बाले तुम पर जो नाज़ करते है न , मिटटी में मिल जाएगी तुम्हारी इज्जत , जीवन ने नायरा की ओर देखने लगा ||


अब कार्तिक और नायरा अपना खाना खाना रुक चुके थे , नायरा सोचने लगी थी की कितना बड़ा कमीना है खाना भी चैन से नहीं खाने दे रहा है , क्या ही किया जाये अब इसका ?


कार्तिक ने नायरा के मासूम चेहरे की ओर देखा और बोला " कम से कम खाना तो ढंग से खाने लेने दीजिये , खाना खाते वक्त कौन ब्लैकमेल करता है "

जीवन अपने चेहरे पर सैतानी हसी हसता रहा ||


उन्ही के साइड बाली टेबल पर अकाउंट्स डिपार्टमेंट की सरला मेम खाना खा रही थी , वे इस ऑफिस की काफी पुरानी और सीनियर थी , वो समझ गयी थी की जरूर जीवन कोई घटिया प्रस्ताव आया फिर ब्लैकमेलिंग का काम कर रहा होगा ||


जीवन ने कार्तिक से कहा " ठीक है खा लीजिये आप लोग फिर लंच के बाद सेकंड हाफ में हमे सिघांईयां हाउसिंग चलना है , सुकेश सर ने वहां जाने के लिए कहा है ,, साथ ही आप दोनों को भी लेजाने को कहा है |"

जीवन के वहां से चले जाने के बाद ... सरला मेम उनके पास आयी ... तो कार्तिक ने उन्हें बेहतने को कहा " बैठिये मेम "


"ये जीवन आप लोगो को परेशान कर रहा था क्या " सरला मेम ने पूछा 

अब कार्तिक और नायरा दोनों एक दूसरे  को आश्चर्य से देखने लगे ... 


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