google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आदिपुरुष - मूवी रिव्यु | Adipurush - Movie Review |

आदिपुरुष - मूवी रिव्यु | Adipurush - Movie Review |

 

आदिपुरुष - मूवी रिव्यु | Adipurush - Movie Review |Prabhash 

Adipurush Movie Review Hindi me


Movie Review -: 

हिन्दुओ का महा ग्रन्थ रामायण एक ऐसा सब्जेक्ट है जिस पर ज्ञानी लोग दिन रात बात कर सकते है , लेकिन ॐ राउत द्वारा निर्देशित फिल्म आदिपुरुष भले ही रामायण पर बेस्ड बता कर पैसे कमाने का जरिया बनाया गया हो , लेकिन फिल्म को देखकर लोग इसे तीन घंटे भी इसे बर्दास्त नहीं कर सकते है | फिल्म को जरूरत से ज्यादा बोर्रिंग और लीक से हटा कर बनाया गया है | फिल्म में सड़क छाप डायलॉग रखे गए है , जिन्हे सुनकर एक पल को भी नहीं लगता की ये फिल्म भगवान राम के जीवन पर आधारित है | महाबली हनुमान , मर्यादा पुरुषोत्तम राम के भक्त थे उनके मुँह से इतनी गिरी हुई भाषा का प्रयोग कराया गया है , जिसका आप अनुमान भी नहीं लगा सकते है | 

आइये आज के Movie Review में हम आपको बतायेगे की फिल्म में क्या देखने लायक है और क्या नहीं !!


VFX with Cartoon Cherector/ कार्टून कैरेक्टर - 

फिल्म VFX के नाम पर थर्ड क्लास है , पूरी फिल्म में अंधेरा ही छाया हुआ है , सोने की लंका भी चमकती हुई नजर नहीं आ रही है , वो रात के अँधेरे में गुम ही है, जिस तरीके से हायप बनाया गया था फिल्म में कमाल की बात तो ये है 600 करोड़ लगाए कहाँ गए है | ओवरआल Adipurush movie में VFX के नाम पर दर्शको को केबल ठगा गया है | 


फिल्म की कहानी भले ही रामायण पर आधारित है लेकिन फिल्म को देख कर ऐसा नहीं लगता की ओर्जिनल रामायण पर रिसर्च की गयी है , 

माता सीता का ड्रेसिंग सेन्स है अत्याधुनिक - लोग पूज्यनीय मानते है ये लोग मजाक बना रहे है 


डायलॉग लेबल , बिलकुल घटिया सड़क छाप की तरह , 


म्यूजिक है ठीक - जो फिल्म को सही दिशा देने की कोशिश करता है , लेकिन गाने जरूरत से ज्यादा जबरदस्ती ठूंसे गए है |


रामायण की कहानी है भगवान राम और सीता के विछड़ाने और मिलने की , लेकिन डायरेक्टर ने यहाँ फिल्म को कार्टून कैरेक्टर के सिवाय कुछ नहीं समझा है , फिल्म के क्लाइमेक्स में 40 मिंट की लड़ाई दिखाई है , यहाँ पर एक सुन्दर और पॉसिट्वे मेसेज देने की जरूरत थी |


फिल्म को देख कर लगा भगवान् राम के कैरेक्टर को बोरिंग और लौ रखा गया है जबकि फिल्म के विलेन यानी रावण के कैरेक्टर को ज्यादा ही फोकस्ड किया गया है , उसे शिव भक्ति से जोड़ कर दिखाना और स्क्रीन पर भी ज्यादा टाइम दिया गया है , जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था , रामायण रावण के लिए नहीं बल्कि राम के लिए लिखी गयी थी |


एक्टिंग है जीरो - एक्टर्स ने कैरेक्टर को नहीं समझा , बॉलीवुड फिल्मो की तरह की गयी एक्टिंग ! कॅरेक्टर के साथ न्याय नहीं किया गया !

फिल्म में सीता और लक्षमण को लगभग गायब ही कर दिया गया है , जबकि असल में ऐसा नहीं है , शायद फिल्म मेकर्स ने रामानंद सागर की रामायण बचपन में नहीं देखी होगी !!

प्रभास राम के रोल में फिट नहीं लगे , कोई और एक्टर बेहतर रोल कर सकता था , सैफ ने अपने रोल के साथ न्याय करने की कोशिश की है लेकिन डायरेक्टर ने उनकी मेहनत पर भी पानी फेर दिया है , उनकी सवारी चमगादड़ और घटिया VFX जोड़ कर |

कहानी के नाम पर फिल्म जीरो है , बस एक्शन दिखने पर ध्यान दिया गया है , जबकि रामायण क्यों हुई इसके लिए कोई भी जरुरी मेसेज न देकर आधुनिकता दिखने पर तुले है | माता सीता को अत्याधुनिकता के नाम पर ज्यादा मॉडर्न दिखने की कोशिश की गयी है , जब की हम सब जानते है जानकी माता सीता कितनी सिंपल और साधारण लिवास में वन में गयी थी ।

फिल्म में रामायण की हकीकत ही बदलने की कोशिश की गयी है , एक सीन है जहाँ हनुमान जी संजवानी के लिए पूरा पहाड़ लाते है , हम सब जानते है की हनुमान जी को संजीवनी की पहचान न होने पर उन्होंने पहाड़ को खोदा था , लेकिन यहाँ बताया गया है की हनुमान जी पहाड़ इसलिए लाते है , ताकि अगर लक्षमण के अलावा कोई और इंजर्ड होगा तो बूटी काम आएगी , क्या मजाक किया गया है दर्शको के साथ , और जो हायप बनाया गया था फिल्म को लेकर 600 700 करोड़ का घटिया बन्दर भालू बाला VFX देख कर पता नहीं चल पा रहा की इतना पैसा खर्च कहाँ किया गया है |


Conclusion/निष्कर्ष -- रामायण शब्द निकलता है भगवन श्री राम के चरित्र से यानी भगवान श्री राम की मर्यादा से , लेकिन इस फिल्म में इस शब्द की महत्ता के साथ न्याय नहीं किया गया है , न तो भवान श्री राम के गुरु के बारे में कुछ बताया गया है , न तो भगवान के बचपन की कोई कहानी है , भगवान को शिक्षा दीक्षा कैसे दी गयी थी , इसके अलावा अहिरावण कौन था ? , रावण की नाभि में अमृत है , जैसी अनेक घटनाओ को नजरअंदाज किया गया है! आज की जनरेशन को ये फिल्म दिखा कर रामायण से रूबरू नहीं कर सकते , हो सकता है ये फिल्म आधुनिकता की बजह से कुछ लोगो को पसंद आई हो लेकिन संस्कार , सीख और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन चरित्र को आज भी श्री रामानंद सागर की रामायण ही सही ढंग से दर्शाती है , इसलिए थियेटर में जाने से पहले एक बार अपने बच्चो को रामानंद सागर की रामायण के बारे में जरूर बताये !!

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