हिंदी कहनी अरेंज मैरिज भाग - 13 | Hindi Kahani New - Arrange मैरिज
खाना खाने के लिए सभी लोगो को डाइनिंग हॉल में बुला लिया गया था | ओमकार जी और उनके बहनोई जी अपने बच्चो के साथ टेबल पर खाने का इंतजार कर रहे थे , तभी प्रिया ने रिया का हाथ बटाते हुए कहा "चलो मैं भी तुम्हारी हेल्प करती हूँ "
रिया ने तुरंत खाने की थाली उसके हाथ से लेते हुए कहा "नहीं नहीं बुल्कुल नहीं , तुम हमारी गेस्ट हो , और गेस्ट की सेवा करना हमारा कर्तव्य है "
ये सुनते ही वहां बैठे सभी लोग हसने लगे ,
फिर प्रिया ने कहा "अरे इसमें गेस्ट और सेवा बाली क्या बात है , आखिर मैं भी तो तुम्हारी तरह लड़की हूँ , अब देखो मैं यहाँ बैठ के देखू और वहां किचिन में आंटी जी खाना बना रही है तो उसकी हेल्प करना तो मेरा बनता है "
"हाँ सही तो कह रही हो प्रिया बेटी " किचन के अंदर से शीला जी ने प्रिया का साथ देते हुए कहा
प्रिया ने मुस्कराते हुए शीला जी को जवाव दिया "देखा आंटी जी , ये लोग मुझे आपकी हेल्प नहीं करने दे रहे है "
शीला जी ने कहा तुम मेरे पास आ जाओ , रिया को खाना परोसने दो |
अब प्रिया रिया और शीला जी ने मिल कर सबको खाना खिलाया ,और फिर बाद में रिया और प्रिया ने शीला और दादी जी के साथ छककर खाना खाया |
"युम्म बहुत टेस्टी खाना बनती हो आंटी जी आप " प्रिया ने अपनी ऊगली चाटते हुए कहा
शीला जी मुस्कराते हुए कहा "ज्यादा अच्छा तो नहीं लेकिन हाँ थोड़ा ठीक ठाक कुकिंग कर लेती हूँ "
रिया ने माँ की चुटकी लेते हुए कहा "माँ ने एक बार कुकिंग कोटिशन में पार्टिसिपेट किया था "
प्रिया ने उत्सुकता से पूछा "फिर तो आंटी जी ने sure कम्पटीशन जीता होगा "
अब शीला जी ने रिया की और तिरछी नजरो से देखा , तो रिया सॉरी सॉरी बोलने लगी ||
प्रिया ने फिर कहा "वैसे नीलू दीदी को भी चटपटा खाना पसंद है , लगता है सास बहु की खूब जमेगी "
रिया ने कहा "अच्छा उन्हें भी स्पाइसी पसंद है ?"
प्रिया ने कहा "हाँ बहुत , वो खुद बनती है अपने लिए स्पेशल स्पाइसी "
रिया ने फिर अपना सर पीटते हुए कहा "फिर तो हमारे भइया की बंद बज जाएगी "
प्रिया ने पूछा "वो क्यों "
रिया ने कहा "उनसे बिलकुल भी स्पाइसी नहीं खाया जाता , वो तो मां से ही परेशान रहते है अब तो बीवी भी ??"
शीला जी ने पानी का ग्लास नीचे रखते हुए कहा "सब सीख जायेगा खाना , तेरे पाप भी नहीं खाते थे , अब सब खा लेते है न "
रिया ने हम्म में सर हिलाया और सब हसने लगे |||
इधर ओमकार जी ने हाथ जोड़ कर घर जाने के लिए कहा |
तो राजेश जी ने कहा "आज हमारे यहाँ ही रुक जाओ "
ओमकार जी ने कहा "बस आपके यहां ही समझिये , ज्यादा दूर नहीं है घर मेरा "
राजेश जी ने प्रिया के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोले "आप तो हमारे यहां रुक जाओ "
प्रिया मुस्करायी और बोली "अंकल जी जरूर आपके यहाँ जरूर रुकेंगे "
ओमकार जी के बहनोई जी बोले "कोई शुभ मुहूर्त निकलवा के पधारिये हमारे घर भी , साथी ही रिंग सेरेमनी भी हो जाएगी "
राजेश जी अपनी माँ की और देखते हुए बोले "जी हम भी अब जल्दी से सब कुछ चाहते है , माँ जी की तबियत अब ठीक नहीं रहती "
ओमकार जी ने कहा "ऊपर वाले ने चाहा तो सब कुछ अगले महीने ही ठीक हो जायेगा "
शीला जी ने उन्हें मीठा खाने को देते हुए उन्हें विदा किया , और कहा जल्दी ही आएंगे आपके यहां |
प्रिया ने जाते जाते , रिया और कार्तिक से बाय कहा और गाड़ी में जा कर बैठ गयी |
उनके चले जाने के बाद , शीला जी ने कहा "आप जरा पंडित जी के यहां चले जाओ , वो अपने घर जाने के लिए कह रहे थे , अगर निकल गए तो फिर दस पंद्रह दिन के लिए चले जायेगे , इसलिए अभी पता करलो शुभ मुहूर्त कब निकल रहा है "
राजेश जी ने कहा "सही कह रही हो , पंडित जी मुझे भी बोल रहे थे जाता हूँ उनके पास "
रिया कार्तिक के कमरे में पहुंची तो देखा , भाई फ़ोन में कुछ देख रहा है , उसने कमरे का गेट नॉक किया और अंदर आने के लिए पूछा
कार्तिक ने देखा की रिया है तो उसने कहा हाँ आजा , और हाँ तू इतनी समझदार कब से हो गयी , जो बिना पूछे अंदर नहीं आयी , पहले तो तू बिना पूछी मेरे कमरे में आ जाती थी |
रिया ने टोंट मारते हुए कहा "भाई तब बात और थी अब बात और है , बीवी बाले होने जा रहे हो न अब तो पूछ के ही आना पड़ेगा "
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कुछ देर शांत रहने के बाद कार्तिक ने कहा "ये दिख रहा है , सारे दांत बहार आ जायेगे "
रिया बोली हाँ भाई , अब तो तुम ये भी कर सकते हो |
अब कार्तिक ने उसे प्यार से पकड़ते हुए कहा , बस भी कर अब क्या रुलायेगी
रिया ने कुछ नहीं कहा और फिर बोली "अच्छा ये बताओ तुम फ़ोन में क्या देख रहे थे "
कार्तिक ने कहा "क्या क्या मतलब कुछ भी देख सकता हूँ इससे तुझे क्या "
रिया "अरे भाई , मेरा कहने का मतलब वो नहीं है , मेरा मतलब शायद आप नीलू की फोटो देख रहे थे न "
कार्तिक ने लम्बी सास भरते हुए कहा "जी नहीं "
रिया ने कहा "अच्छा क्यों , देखो , समझो अब तो उन्हें "
कार्तिक ने कहा "वो कोई हूर की परी नहीं है जो उसे ही देखता रहू "
रिया ने मजाक में पूछा तो कोई और है क्या हूर की परी
कार्तिक ने कहा "तू चल अपना काम कर , यहां आ के पका मत मुझे "
रिया उसे चिढ़ाते हुए वहां से चली गयी |
कार्तिक ने अपने फ़ोन में देखा की नायरा की कई सारी कॉल पड़ी है , तो उसने उसे कॉल किया
कार्तिक - हेलो नायरा
नायरा - हाय कैसे हो , कॉल क्यों नहीं उठा रहे थे
कार्तिक ने कहा "थोड़ा सा बिजी था इसलिए "
नायरा ने फिर से पूछा "इतने बिजी थे की एक बार कॉल उठा के कह भी न सके की मैं बिजी हूँ बाद में बात करता हूँ "
कार्तिक ने कहा "नहीं ऐसी बात नहीं है , घर पर सब थे तो मैंने सोचा बाद में ही बात करुगा "
नायरा ने कहा "घर वालो से इतनी क्यों फटती है तुम्हारी कार्तिक "
कार्तिक ने कहा "इसे फटना नहीं कहते नायरा , इसे घर वालो का अदब करना कहते है "
कार्तिक के इस जवाव ने नायरा का मुँह आगे के लिए बिलकुल ही बंद कर दिया , नायरा इस बात को आगे नहीं खींच पायी , ओर शांत हो गयी |
शांत देख कार्तिक ने फिर से कहा "क्या हुआ , क्या मेने कुछ गलत कह दिया "
नायरा ने बड़ी ही बिनम्रता से कहा "नहीं कार्तिक तुमने गलत नहीं एक दम सही कहा है , शायद मैं ही भूल चुकी हूँ ये सब , इसलिए "
कार्तिक ने कहा "अरे यार इसमें इतना सैड होने की क्या बात है "
नायरा फिर भी चुप रही
कार्तिक ही एक दो बात बोलता रहा , फिर कार्तिक बार बार पूछने पर नायरा ने कहा "कार्तिक आज शाम को अगर फ्री हो तो मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ "
नायरा की बात सुन कर कार्तिक पहले तो चुप रहा , फिर अपने बारे में सब कुछ बता देना चाहता था , फिर न जाने कोनसे डर की बजह से उसने कुछ नहीं बताया और फिर शाम को मिलने के लिए हाँ कह दिया ||
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