Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 169
थोड़ी देर बाद कार्तिक भी ऑफिस में पहुंच गया , नायरा अपनी शीट पर चिंतित बैठी थी
कार्तिक ने नायरा के पास पहुंच कर उसे गुड मॉर्निंग विश किया , तो नायरा ने पलट के कार्तिक की ओर देखा और बिना मुस्कराये ही गुड मॉर्निंग विश का रिप्लाई कर दिया ||
कार्तिक ने नायरा से पूछा " क्या हुआ कोई बात है क्या आज सुबह सुबह ही तुम्हारा मूड ऑफ सा दिख रहा है "
नायरा ने कहा " मूड ऑफ नहीं है मेरा , आज सब मुझे बड़े ही अजीब तरीके से देख रहे है सब इसलिए मुझे डर लग रहा है कही जीवन ने हमारा पैतरा उल्टा हम पर ही तो नहीं खेल दिया "
कार्तिक ने कहा " तुम्हे लगता है की जीवन ऐसा कर सकता है ?"
नायरा ने कहा " कुछ पता नहीं है उसका कुछ भी कर सकता है , पागल इंसान है वो "
"हाँ पागल तो है , लेकिन तुम्हारे लिए " कार्तिक ने लम्बी साँस लेते हुए कहा
"तुम्हे मजाक सूझ रहा है कार्तिक , मेरी जान हलक में आये जा रही है डर की बजह से " नायरा ने कार्तिक की ओर आंखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा |
कार्तिक ने फिर नायरा को संत्वना देते हुए कहा " मैं मजाक नहीं बल्कि मैं तो हकीकत कह रहा हूँ , अभी जब मैं अंदर आ रहा था तो किसी से फोन पर बात करते हुए लॉबी में वाक कर रहा था , मुझे देखते ही उसकी आंखे चढ़ गयी थी "
" तो इसका उससे क्या लेना देना है , वो तो है ही राक्षस की सी शक्ल का " नायरा ने आश्चर्य से कहा
कार्तिक बोला " हाँ इसमें कोई शक नहीं है लेकिन वो ऐसा नहीं करेगा क्युकी उसकी आँखों में तुम्हरे लिए हबस भरी हुई है तो वो जरूर ही तुम्हे उसके जरिये ब्लैक मेल करेगा "
"अगर ऐसा करेगा तो पक्का ही वो फसेगा हमारे बिछाए हुए जाल में " नायरा ने थोड़ा सा चेहरे पर सुकून लाते हुए कहा
" तुम चिंता न करो , हमारा प्लान जरूर ही काम करेगा , और इस जीवन के बच्चे को सबक मिल के ही रहेगा " कार्तिक ने अपने सिस्टम को ओपन करते हुए कहा
अब कार्तिक और नायरा अपने अपने काम में लग गए , और बिजी हो गए क्युकी अभी उनके सुपर बॉस जो ऑफिस में नहीं थे तो उनके ऊपर अतिरिक्त काम का प्रेसर था ||
कार्तिक के घर पर एक अलग ही चहल पहल होने लगी थी , राजेश जी और शीला जी मिल कर अब अपनी तैयारियों में जुट चुके थे , इसलिए आज दोनों ने मिल कर शादी की तारीख की खुशखबरी देने ओमकार जी के यहाँ जाने का सोचा , उन्होंने मिठाईयों के साथ खुशखबरी और इसी बहाने नीलू से भी भेट करके आने का प्लान किया , शीला जी ने ये प्लान कल का ही रख लिया क्युकी कल संडे था तो कल सारे लोग फ्री होंगे ||
राजेश जी ने ओमकार जी से भी कल का टाइम मांग लिया था और उन्हें कल घर पर ही रहने के लिए कह दिया , ओमकार जी भी ख़ुशी ख़ुशी उनकी ये बात मान गए , क्युकी बे भी तो चाह ही रहे थे की जल्दी से अब तो बेटी की शादी की तारिख आ जाये और जल्दी से शादी की तैयारी करने का मौका मिले , इसलिए ओमकार जी भी खुश हो कर कल मेहमानो के स्वागत की तैयारी करने लगे ||
दोपहर के समय नीलू अपनी दोस्त पायल के पास से जब घर बापस आयी तो उसने देखा की आज पापा और मम्मी कही जाने की तैयारी कर रहे है , उसने जब मम्मी से पूछा कहा जा रहे हो आप लोग ?
तो उसकी माँ ने उसे बताया की कोई जरुरी काम है तो उसे ही करने के लिए जा रहे है तुम घर पर ही रहना और प्रिया के लिए खाना बना देना ||
नीलू अपने मम्मी और पापा को जाते देखते ही रह गयी , सोचने लगी माँ और पापा अचानक बिना किसी प्रीप्लानिंग के कहाँ गए होंगे ?
ऐसा तो होता नहीं था की कही जाये और उसे न बता के जाए ? कोई तो बात है जो मेरे से छुपाई गयी है ||
बहार निकलने के बाद जब ओमकार जी ने रजनी जी से पूछा की तुमने नीलू को सच सच क्यों नहीं बता दिया की हम मार्किट सामान लेने जा रहे है कल उसके ससुराल बाले आने बाले है ?
तो रजनी जी ने ओमकार जी को मुस्कराते हुए जबाब दिया " तुम नहीं समझोगे , उसे इसलिए नहीं बताया की ताकि कल उसे सरप्राइज मिल सके "
ओमकार जी ने कहा " हे भाग्यबान तुम तो बिलकुल ही भोली हो , आज कल फ़ोन का जमाना है , तुम्हारा चिट्ठी बाला नहीं , कार्तिक उसे फ़ोन पर बता नहीं देगा क्या ??"
रजनी जी ने कहा " आप भी कम भोले नहीं हो , अरे जब कार्तिक को पता होगा तब न बताएगा वो नीलू को "
ओमकार जी ने कहा " क्यों उसे क्यों नहीं पता होगा "
रजनी जी ने कहा " आप चलिए अपना काम करिये , हमने और शीला बहन ने मिल कर प्लान किया है की बच्चो को डायरेक्ट सरप्राइज देंगे "
ओमकार जी ने माथा ठोंका और कहा " तो सीधा सीधा क्यों नहीं बता देती हो की तुमने प्लान किया है , क्यों इतनी देर से घुमा रही हो "
रजनी ने आंखे चुराई और बोली " तुम तो हमेशा से ही हमसे ऐसे ही बोलते रहते हो कभी भी प्यार से बात नहीं करते हो "
ओमकार जी ने रजनी की ओर देखा और बोले " कोनसी सहेली ने तुम्हे ये बाली घुटी पिला दी आज जो ये प्यार बाला कीड़ा जाग गया तुम्हारा ?
" अच्छा सब घुटी पी कर ही प्यार करते है क्या ?" रजनी जी ने प्रश्न किया
ओमकार जी ने कहा " अच्छा तो ये बात कहाँ से आ गयी फिर "
रजनी ने कहा " आस पास पड़ोस में सब दिखता है , हमे अपने शर्मा जी पडोसी कितना ध्यान रखते है पता है आपको , कल दोनों थियेटर में फिल्म देखने गए थे "
ओमकार जी ने शर्मा पर गुस्सा करते कहा " अरे ये शर्मा जी तो पगला गए है , बुढ़ापे में इश्क़ सूझ रहा है इन्हे तो , बच्चे बड़े हो गए है , इनका भी ख्याल करना चाहिए ||
रजनी जी ने कहा " अच्छा और इच्छाओ का कुछ नहीं , "
ओमकार जी ने कहा " हर काम का एक सही समय होता है "
तभी ओमकार जी ने बाइक रोक दी और रजनी जी को उतार कर पार्किंग के खड़ा करने चले गए ||
लंच टाइम में नायरा और कार्तिक दोनों एक साथ लंच करने के लिए कैंटीन में गए तो सुहानी , अमन कौर और उनकी कुछ और कुलीग सब मिल कर नायरा को देख देख कर बार बार हसे जा रही थी , बाकी उनके अलावा और भी ऑफिस स्टाफ दोनों को अजीब ही तरह से देख रहे थे ||
कार्तिक और नायरा दोनों एक टेबल पर बैठ गए और खाने का बॉक्स निकाल कर खाना खाने लगे ,
अब तो कार्तिक को भी uncomfortable फील होने लगा था , लेकिन समझ नहीं आ रहा था आखिर क्यों ही सब दोनों को इस तरह से ट्रीट करे जा रहे थे ||
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