Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 176
करीब दो बजे नायरा के फोन की रिंग बजी .... आज संडे था तो आज नायरा को न जाने कितने दिनों बाद आराम करने का मौका मिल गया था क्युकी उसकी सिस्टर अब थोड़ा ठीक सी होगयी थी वो उसकी माँ का ख्याल रखने लगी थी इसलिए नायरा को आज आराम करने का मौका मिल गया था |
जब फ़ोन रिंग किया तो उसकी नींद टूट गयी ... उसने देखा जीवन कॉल कर रहा है .....
नायरा ने कॉल रिसीव नहीं किया और फोन को फ्लाइट मोड पर किया और फिर से सो गयी .....
जीवन मन में सोचने लगा आखिर नायरा को इतनी बड़ी कल धमकी दी थी फिर भी डर नहीं रही है , इसके पीछे भी कोई न कोई तो है जो इसे उकसा रहा है , नहीं तो पहले नायरा बड़ी ही आसानी से ब्लैकमेल हो जाया करती थी लेकिन आज तो कॉल भी रिसीव नहीं कर रही है ||
चाहे कुछ भी हो जाये नायरा तुझे पाने के चक्कर में या तो मैं खुद ही बर्बाद हो जायगा यार फिर तेरे साथ तेरे आशिक कार्तिक को भी बर्बाद करके ही मानूगा , तुम दोनों ने मिल कर मेरी ऑफिस में जो गुडबिल बना दी है न मैं इसका बदला ले के ही रहूगा .....
Romantic Shayari for Girlfried>>>
इधर कार्तिक की आज शादी की डेट्स फिक्स हो चुकी थी , आज से उसकी शादी के दिनों की उलटी गिनतियाँ शुरू हो चुकी थी , ठीक एक महीने बाद नीलू और कार्तिक दोनों शादी के पवित्र बंधन में बधने जा रहे है ,
राजेश जी और उनका परिबार हसी ख़ुशी से ओमकार जी के यहाँ सगुन पंहुचा के बापस आने के लिए तैयार हो रहे है , लेकिन ओमकार जी राजेश जी और रजनी जी को आज के दिन अपने यहाँ ही रुकने के लिए उन्हें फाॅर्स कर रहे थे तो अब राजेश जी ने सारा का निर्णय शीला जी के ऊपर छोड़ दिया |
ओमकार जी ने कहा " भाई साहब अगर ऐसी बात है तो हम अपनी समधन जी को तो मना ही लेंगे "
राजेश जी ने कहा " ठीक है अगर आप मना सकते है तो मना लीजिये "
रजनी जी ने भी राजेश जी से कहा " भाई शाहब जब ये इतना कह रहे है और बैसे भी अब रात की ही तो बात है सुबह सुबह निकल जाना , इनके न सही हमारे कहने से आप रुक जाईये "
राजेश जी हसते हुए बोले " अब मैं क्या ही बोलू , आप अब कह रही है तो बच्चो और इनको पूछ लो क्या कहते है , मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है , मुझे तो बस सोना ही है सो यहां सो जाऊंगा "
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जब रुकने की बात कार्तिक और बाकि बच्चो को पता चली तो उनके बीच ख़ुशी की लहार आ गयी , उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा , वैसे भी कौन दूल्हा नहीं चाहेगा की शादी से पहले ही उसे अपनी ससुराल में रुकने का मौका मिले और खूब सारी खुसामद हो ??
नीलू ने कार्तिक को आंख मारते हुए इशारा किया की आज तो तुम्हे मेरे साथ फिर से रात गुजरने का मौका मिलेगा "
कार्तिक की तो आँखों में अजीब सी चमक आ गयी , हालाँकि अभी कोई डिसीजन नहीं हुआ था की वो लोग यहां रुकने बाले है या नहीं , फिर भी कार्तिक और नीलू दोनों में अलग ही ख़ुशी थी , चाहे भले ही दोनों एक साथ नहीं लेकिन फिर भी उन्हें इस बात की ख़ुशी थी की वे कम से कम नजदीक तो रहेंगे और एक दूसरे को ताड़ते तो रहेंगे ही ||
अब घर की लड़कियां , प्रिया , शिवानी और पायल सब मिल कर शीला जी को कन्वेन्स करने में लग गयी ....
प्रिया कहने लगी " एंटी जी रुक जाईये न , देखो न रिया और हम कितने खुश है एक साथ , बैसे भी हमे रात भर एक साथ रह कर देर सारी बाते करनी है "
तो वही पायल ने भी कहा " आंटी जी मुझे भी आपसे बहुत सारी खाने की रेशिपी सीखनी है , रुक जाईये न "
शिवानी ने बोली " आंटी मैं भी कुछ दिनों बाद यहाँ से चली जाऊगी , न जाने फिर कब आपके साथ रुकने का मौका मिलेगा , प्लीज आंटी जी आज तो आप रुक ही जाइये "
तभी नीलू उनके पास आयी और बोली " माँ जी रुक जाइये न ये सब इतना कह रहे है तो , वैसे भी अब आपका न जाने कब हमारे घर आना होगा "
शीला जी को बोलने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था , बो तो बस सबकी ओर देख देख कर बस स्माइल ही पास कर रही थी | तभी कार्तिक की दादी माँ उनके पास आयी और बोली " शीला बहू अब ये लोग इतने प्यार से इन्सिस्ट कर रहे है तो इनकी बात का भी मान रख लो , रुक जाओ "
दादी माँ की ओर से स्वीकृति मिलते ही सभी बच्चो में ख़ुशी की लहार आ गयी , सब जोर से चिल्लाने लगे और कुछ दादी माँ के तो कुछ शीला की गले लग कर उन्हें थैंक यू कहने लगे ||
कार्तिक भी बैठा बैठा तिरछी नजरो से नीलू की ओर निहार रहा था , और नीलू भी उसे ही देख कर मुस्करा रही थी | ओमकार जी बोले " अच्छा सुनो मेरा क्या मानना है की हमारे घर के बिलकुल नजदीक एक कान्हा जी का प्यारा सा मंदिर है , अगर सब लोगो की अनुमति हो तो इस शुभ मुहूर्त पर कान्हा जी के दर्शन कर लिए जाये , और बच्चे लगो मस्ती भी कर लेंगे "
राजेश जी ने कहा " हं क्यों नहीं , मैं तो बैसे भी खा के टहलने की फ़िराक में हूँ क्युकी आपने ज्यादा जो खिला दिया है , ये पचना भी तो चाहिए "
शीला जी मुँह बनाते हुए धीरे से कहा " पता नहीं कैसे अजीब बच्चों जैसे बाते करते रहते है "
रजनी जी ने कहा " ठीक है चल लेंगे लेकिन अभी तो दोपहर है सो इन लोगो को तोडा रेस्ट भी कर लेने दीजिये , शाम के टाइम हम सब लोग चलेंगे "
ओमकार जी ने कहा " हाँ हाँ मैंने कब अभी के लिए कहा है , तब तक आराम ही करेंगे और क्या करना है आज "
रजनी जी और ओमकार जी ने सब के लिए बिस्तर लगा के आराम करने के लिए कह दिया ....
लेकिन रिया प्रिया और शिवानी सब एक ही रूम में चली गयी और अपनी ही धुन में व्यस्त हो गयी ....
रजनी जी और शीला जी दादी माँ को लेके उनके कमरे में चली गयी , और ओमकार जी राजेश जी के साथ बाहर गेस्ट रूम में जाकर आराम करने लगे |
नीलू , पायल और कार्तिक बालकिनी में जा कर खड़े हो गए और बाते करने लगे ... और हसी मजाक करने लगे ...
तभी कार्तिक एक फ़ोन की रिंग बजी ... कार्तिक ने देखा तो जीवन उसे कॉल कर रहा था ...
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