google.com, pub-3595068494202383, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 172

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 172

 

Story in Hindi to read - Story in Hindi love : Arrange Marriage Part - 172

 

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बड़े ही आश्चर्य से कार्तिक एक बार अपने पापा की ओर देख लेता और एक बार सामने खड़ी मुस्करा रही प्रिया की ओर , कार्तिक की अब त्योरियां चढ़ गयी , इशारे से उसके पापा ने पूछा " अरे क्या हुआ भाई "

कार्तिक गुस्से से पापा की ओर देखने लगा , राजेश जी कार्तिक के कंधे पर हाथ रख कर कुछ कहने ही बाले थे की अंदर से ओमकार जी नमस्कार जी नमस्कार कहते हुए राजेश जी की ओर आ गए और उन्हें अपने गले लगा लिया 

कार्तिक खड़ा दोनों को देख रहा था ||

अब कार्तिक का मन तो ऐसा कर रहा था की यही से बापस चले जाये , उसे बड़ी ही शर्मिंदगी महसूस हो रही थी उसे अपने मन में लग रहा था की आखिर बो अपनी होने बली ससुराल में आया है है और नोर्मल से कपड़े पहने हुए खड़ा जो की बो आमतौर पर अपनी ऑफिस में भी पहन के नहीं जाता ||

उसे माँ और पापा पर गुस्सा आ रहा था लेकिन अब वो किसी से कुछ कह नहीं सकता था 


तभी अंदर से शिवानी भी आ गयी और उसने कार्तिक को देख कर कहा " नमस्ते जीजू अंदर आजइये , बाहर ही कब तक खड़े रहिएगा "

कार्तिक के चेहरे के भाव टस से मस नहीं हुए , उसने कुछ नहीं कहा ||


अब शीला जी ने कार्तिक के कंधे पर हाथ रखा और कहा " चलो कार्तिक , कितने प्यार से वो तुम्हे अंदर आने के लिए कह रही है "


कार्तिक ने गुस्सा करते हुए माँ से धीरे से कहा " माँ ये क्या मजाक था आपका , मैंने आपको कितनी बार पूछा की हम लोग कहा चल रहे है ?"

शीला जी ने कहा " अरे तो क्या हुआ हर बार बच्चे अपने पेरेंट्स को सरप्राइज देते है इस बार हमने दे दिया तो क्या हुआ , तुम्हे तो खुश होना चाहिए था "

क्या ख़ाक खुश होना चाहिए , ये मेरी होने बाली ससुराल है या फिर मैं यहां का नौकर होने बाला हूँ , देखो मेरे कपड़ो की हालत ऐसे तो कभी मैं अपने ऑफिस तक नहीं पहन के गया हूँ - कार्तिक ने शीला जी पर और भी ज्यादा गुस्सा करते हुए कहा 


तभी रजनी जी शीला जी के पास आ कर बोली " चलिए बहन जी अंदर आइये , और बेटा आप भी अंदर आ जाओ "

शीला जी मासूमियत से कार्तिक की ओर देखते हुए अंदर जाने लगी ||

तभी रिया ने कार्तिक को धीर्रे से कहा " भाई आप इतने भी बुरे नहीं लग रहे हो , चलिए अब कुछ नहीं हो सकता है "

तू तो मेरा दिमाग मत खा कम से कम - कार्तिक ने रिया से गुस्से में कहा 

भाई मेने क्या किया अब मुझे क्यों डांट रहे हो - रिया ने लगभग रोते हुए कहा 

इतने में ओमकार जी फिर से बाहर आये और कार्तिक को हाथ पकड़ कर अंदर आने को कहने लगे ....

कार्तिक ने कहा गाड़ी में सामान है तो उन्होंने कहा - आप टेंशन न लो मैं निकलवा लूंगा आप अंदर आओ 


अब कार्तिक को मजबूरी में अंदर जाना पड़ा , रिया भी उसके पीछे पीछे रोते जैसा चेहरा बना के आ गयी 

हाल में सभी लगो बैठे थे , वही साइड में पड़े सोफे पर कोने में जा कर कार्तिक भी बैठ गया ||


कार्तिक के पापा और ओमकार जी हस हस के अपनी बातो में लगे हुए थे , इधर रजनी जी भी शीला जी और दादी माँ से हाल चाल पूछ रही थी , प्रिया भी रिया को अपने साथ किचन में ले कर चली , मतलब सभी लोग अपने अपने में बिजी हो गए बस कार्तिक को बड़ी टेंशन हो रही थी ||

उसे अपने घर बालो पर तो गुस्सा आ ही रहा था लेकिन अब उससे ज्यादा गुस्सा उसे नीलू पर आ रहा था क्युकी बो सोच रहा था की चले मेरे घर बालों ने मेरे साथ प्रेंक कर ही दिया लेकिन ये बेशर्म तो मुझे बता ही सकती थी की आज तुम हमारे घर आने बाले हो , इसने क्यों नहीं बताया ||


अब ये तो कार्तिक की सोच थी , बेचारी नीलू क्या ही करती उसे खुद ही कुछ नहीं पता था उसे भी तो अभी अभी ये सब कुछ पता चला है |


थोड़ी देर बात प्रिया और शिवानी रिया की मदद से पानी और चाय ले कर आयी ,,,,,,

कार्तिक की दादी माँ ने कहा " ये सब तो ठीक है लेकिन अभी तक हमारी नीलू बिटिया नहीं दिखाई दी "

दादी माँ ने ये कहा तो कार्तिक को एक और झटका सा लगा और खुद को छुपा कर बैठने लगा उसे बाकि किसी से नहीं बल्कि नीलू के बारे में सोच रहा था की नीलू उसे देख कर क्या सोचेगी की कैसे कपडे पहने हुए हूँ मैं ||


रजनी जी और शीला जी मुस्कराने लगी फिर रजनी जी ने कहा " ले कर आती हूँ उसे वो अपने कमरे में तैयार हो रही है "


रजनी जैसे ही नीलू के कमरे में पहुंची तो देखा " नीलू तो अभी भी वैसी ही बैठी है जैसी की सुबह से घर में घूम रही थी "

रजनी आश्चर्य से बोली " अरे नीलू तू अभी तक रेडी नहीं हुई , सुबह से ऐसे ही बैठी है ?

नीलू ने कहा - क्यों रेडी हो कर कहाँ जाना है मुझे ?

रजनी ने कहा " बच्ची न बन तुझे पता नहीं की तेरी ससुराल बाले आ चुके है "

नीलू ने गुस्से में कहा " माँ ये बात कल भी बता सकती थी या फिर सुबह ही बता सकती थी "

रजनी - अरे तो क्या हो गया , अब पता चल गया न , हमारी तरफ से सरप्राइज समझ ले 

अब नीलू ने कहा " माँ ऐसा भी क्या मजाक बताना चाहिए था न "

रजनी ने कहा - ठीक है सॉरी बाबा अब जल्दी से रेडी होजा और आजा बाहर वो लोग इंतजार कर रहे है , मैं देखती हूँ उन्हें 


नीलू भी कार्तिक की तरह गुस्सा हो रही थी सोच रही थी की चलो मेरे घर बालों ने तो मुझे सरप्राइज दिया है लेकिन इस लड़के को तो मुझे बताना चाहिए था वैसे तो हर एक बात बता देता है ये क्यों नहीं बताई 

नीलू भी कार्तिक पर गुस्सा कर रही थी , और भी रेडी नहीं हो रही थी , ऐसी ही जाऊगी इसके सामने 


राजेश जी और ओमकार जी बड़े खुश नजर आ रहे थे , वे दोनों शादी की तारिख को लेकर अपनी अपनी प्लांनिग शेयर कर रहे थे ||


शिवानी और प्रिया कार्तिक एक बिलकुल पास आ कर बैठ गयी और उसे मजाक कर के परेशां करने लग रही थी , कार्तिक का bP बढ़ रहा था क्युकी बो पहले से ही अंदर से खौल रहा था ||

रजनी जी कार्तिक के हाव् भाव देख कर समझ रही थी की कार्तिक कुछ नोर्मल सा नहीं दिख रहा है उसकी त्योरियां चढ़ी हुई थी , उसका गुस्सा उसके चेहरे को देख कर साफ साफ देखा जा सकता था |

शिवानी और प्रिया उसे कुछ भी कह रही थी तो उसे जहर की तरह बुरा लग रहा था क्युकी वो अभी नोर्मल कंडीशन में नहीं था ||

जब उसे लगा की वो अब कण्ट्रोल नहीं कर पायेगा तो वो वहां से उठ कर बाहर जाने लगा ......

उसकी माँ और दादी माँ उसे रुकने के लिए कहती ही रह गयी और वो चला गया ....


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